कई दिनों तक रोता रहा मैं घर से दूर पढ़ने भेजा मुझे... कई दिनों तक रोता रहा मैं घर से दूर पढ़ने भेजा मुझे...
अब प्रेम के लुट जाने के बाद बचा ही क्या है हमारे घर में जो चाबियों को रखा जाये संभाल कर...! अब प्रेम के लुट जाने के बाद बचा ही क्या है हमारे घर में जो चाबियों को रखा जाय...
चलो आज मैं रोता हूँ, तुम चुप करा लो, नारी बनता हूँ मैं! चलो आज मैं रोता हूँ, तुम चुप करा लो, नारी बनता हूँ मैं!
अब जो अकेले पड़े तो रिश्तों का मोल समझ आया! अब जो अकेले पड़े तो रिश्तों का मोल समझ आया!
मुझे तुम्हारा दीवाना बना चुका है मिस्टर हस्बैंड। मुझे तुम्हारा दीवाना बना चुका है मिस्टर हस्बैंड।
चम चम करता ताज है बेटी हमको तुझ पर नाज़ है बेटी । चम चम करता ताज है बेटी हमको तुझ पर नाज़ है बेटी ।